कैथल की तीन बेटियों ने दुबई में फहराया परचम, मुक्केबाजी में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीता

कैथल की तीन बेटियों ने दुबई में फहराया परचम, मुक्केबाजी में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीता

कैथल (हरियाणा)
हरियाणा के कैथल की बेटियों ने दुबई में अपना परचम फहरा दिया। जिले की तीन बेटियों ने दुबई में आयोजित जूनियर एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में अपने मुक्के का दम पर पदक जीते। कैथल की खिलाड़ी कीर्ति ढुल ने 81 प्लस किलो भार में स्वर्ण, संजना ने 81 किलो भार वर्ग में रजत व लासू यादव ने कांस्य पदक जीतकर जिले का नाम रोशन किया है।

इससे पहले तीनों खिलाड़ियों ने सोनीपत में हरियाणा मुक्केबाजी संघ की ओर से आयोजित जूनियर नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप स्वर्ण पदक हासिल किया था। गोल्ड आने के बाद खिलाड़ियों का चयन दुबई में होने वाली जूनियर एशियन चैंपियनशिप में हुआ। कोच गुरमीत सिंह, राजेंद्र सिंह और विक्रम ढुल ने बताया कि खिलाड़ियों ने पदक जीत कर जिले और प्रदेश का नाम रोशन कर दिया।

चाचा को देख चढ़ा मुक्केबाजी का जुनून
नेहरू गार्डन कालोनी निवासी कीर्ति ढुल के चाचा विक्रम ढुल अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। अब वे भी आरकेएसडी कॉलेज स्थित बाक्सिंग खेल सेंटर में कीर्ति को अभ्यास करवाते हैं। अपने चाचा को देखकर ही 16 वर्षीय कीर्ति ने तीन साल पहले बॉक्सिंग खेलना शुरू किया था। कीर्ति के पिता नरेश कुमार आर्मी में कर्नल हैं। कीर्ति ने इससे पहले भी 2018 में भोपाल में हुई स्कूल नेशनल में कांस्य पदक जीता था। 2019 में दिल्ली में हुई स्कूल नेशनल में स्वर्ण पदक जीता था। 2021 में गोहाना में हुई जूनियर स्टेट बॉक्सिंग प्रतियोगिता में सोना हासिल कर चुकी हैं।

माता-पिता अध्यापक, बेटी को बनाया बॉक्सर
जनकपुरी कालोनी निवासी 15 वर्षीय संजना के पिता करनैल सिंह और माता सुनीता दोनों ही अध्यापक हैं। पिता की प्रेरणा से दो साल पहले ही संजना ने बाक्सिंग खेलना शुरू किया था। करनैल सिंह हरसौला के राजकीय स्कूल में तैनात थे। उस गांव से कई खिलाड़ी बाक्सिंग सीखने कैथल स्थित आरकेएसडी खेल सेंटर पर आते थे। खिलाड़ियों को देखकर ही करनैल ने अपनी बेटी को बॉक्सर बनाने की ठान ली और सेंटर पर भेजना शुरू कर दिया।

संजना एक दिन भी सेंटर से छुट्टी नहीं करती हैं। उसी का परिणाम है कि दुबई में हुई प्रतियोगिता में रजत पदक हासिल किया है। संजना ने 2021 में गोहाना में हुई जूनियर स्टेट बाक्सिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया था। उसके बाद सोनीपत में स्वर्ण पदक हासिल किया था। अब जूनियर एशियन चैंपियनशिप में संजना ने रजत पदक जीत जिले का नाम रोशन किया है। 

अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में सोना जीत चुकी हैं लासू यादव
पट्टी अफगान निवासी लासू यादव ने कांस्य पदक जीतकर जिले का नाम रोशन किया। लासू ने अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय बाक्सिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया था। यह प्रतियोगिता फरवरी 2020 में स्वीडन के बोरस में हुई थी। लासू के पिता रमेश नंबरदार दो एकड़ जमीन के मालिक हैं। 

खेतीबाड़ी से ही घर का गुजारा हो रहा है। लासू का छोटा भाई कुश भी बॉक्सिंग का खिलाड़ी है। माता जानकी देवी गृहिणी हैं। चार साल पहले दोनों ने बॉक्सिंग खेलना शुरू किया था। आरकेएसडी में चल रहे बॉक्सिंग खेल सेंटर में लासू कोच राजेंद्र सिंह, कोच गुरमीत सिंह और कोच विक्रम के पास अभ्यास करती हैं। इससे पहले भी लासू ने गुवाहाटी में हुई खेलो इंडिया प्रतियोगिता में रजत, पानीपत में हुई डीएवी स्कूल नेशनल बाक्सिंग में स्वर्ण, कैथल में हुए खेल महाकुंभ में रजत और रोहतक में हुई जूनियर नेशनल बाक्सिंग प्रतियोगिता में भी रजत पदक हासिल किया है। सोनीपत में जूनियर नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।

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